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साल में एक बार लें दवा, पाँच सालों में होगा फाइलेरिया का खात्मा। संवाददाता अजित कुमार सिंह दरभंगा news24live

साल में एक बार लें दवा, पाँच सालों में होगा फाइलेरिया का खात्मा

• लोआम निवासी लीला देवी व उसके परिवार के सदस्यों ने ली फाइलेरिया की दवा
• दवा लेने के बाद नहीं हुई कोई परेशानी
• लीला ने अन्य लोगों को भी फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा लेने की दी सलाह

दरभंगा, 9 अक्टूबर: जिला के सभी 18 प्रखंडों व शहरी क्षेत्रों में 28 सितंबर से फाइलेरिया दवा सेवन अभियान संचालित किया जा रहा है. इस दौरान घर-घर जाकर आशा कार्यकर्ता लोगों को अपने सामने डीईसी व एबेंडाजोल की दवा का सेवन करा रही हैं. इससे लोग लाभान्वित हुए हैं. कुल 14 दिन तक संचालित इस अभियान में लगभग 87 लाख व्यक्तियों को दी जाएगी दवा. यह अभियान 28 सितम्बर से 11 अक्टूबर तक चलाई जाएगी. इसी कड़ी में स्वास्थ्य कर्मियों ने लोआम गांव में भ्रमण कर लोगों को फ़ाइलेरिया की दवा अपने सामने खिला रही हैं. इसी क्रम में फाइलेरिया एडमिनिस्ट्रेटर गांव में लीला देवी के घर पहुंचे. उनके पुत्र संजीत का एक हाथ थोड़ा फुला हुआ पाया. मौजूद कर्मियों ने उन्हें चिकित्सकीय सलाह देकर पूरे परिवार के सदस्यों को अपने सामने दवा का खिलायी. दवा खाने के बाद किसी भी सदस्य को कोई भी परेशानी नहीं हुई. हालांकि लीला को खुद थोड़ी सी पेट में हलचल महसूस हुई, लेकिन थोड़ी ही देर बाद सब कुछ सामान्य हो गया.

लोगों को जागरूक करने की जरूरत

लीला ने बताया कि जब स्वास्थ्य विभाग के सदस्य कर्मी उनके गांव में पहुंचे तो ग्रामीणो की तरह तरह की बात सामने आने लगी. इनमें से कई लोगों ने दवा नहीं खाने की बात कही. जबकि अधिकांश लोगों ने फाइलेरिया बीमारी की रोकथाम को लेकर दवा लेने पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि उनके पूरे परिवार ने फाइलेरिया की दवा कर्मियों के सामने खाई. उन्हें पूरा विश्वास है कि इससे उन्हें फाइलेरिया नामक खतरनाक बीमारी नहीं होगी. इसको लेकर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया. उन्होंने बताया सभी लोगों को यह दवा का सेवन करना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग का यह पहल सराहनीय है. लोगों को बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेनी चाहिए. उन्होंने खुद व पूरा परिवार दवा का सेवन किया. उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं हुई. इसे लेकर कई तरह की अफवाह है. लोगों को इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए. यह दवा खाने के बाद उसे या किसी सदस्यों को किसी प्रकार की शारीरिक समस्या नहीं हुई. यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है. अन्य लोगों को भी विभागीय मुहिम का साथ देना चाहिए ताकि फाइलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों को दूर भगाया जा सके.

क्या है फाइलेरिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इसका इलाज न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है। फाइलेरिया से जुड़ी विकलांगता जैसे लिंफोइडिमा (अंगोंमेंसूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को अक्सर सामाजिक बोझ सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। यह एक घातक रोग है जिससे पांच वर्षों तक साल में एक बार दवा सेवन कर बचा जा सकता है.इस अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियाँ लोगों की दी जा रही है.2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जा रही है. एलबेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है.

फाइलेरिया के लक्षण:

• बार-बार बुखार आना
• अंगों, जननांगों और स्तनों में सूजन
• हाइड्रोसील (अंडकोष में होने वाली सूजन)
• त्वचा का एक्सफोलिएट होना
• हाथों और पैरों में सूजन

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