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धुम धाम से मनाया गया रक्षाबंधन का त्योहार । मांझागढ़ गोपालगंज :- धुम धाम से मनाया गया रक्षाबंधन का त्योहार ।हर वर्ष की भांती इस वर्ष भी रक्षाबंधन का त्योहार बड़े धुम धाम से मनाया गया। रिपोर्ट अजय कुमार

धुम धाम से मनाया गया रक्षाबंधन का त्योहार ।

मांझागढ़ गोपालगंज :- धुम धाम से मनाया गया रक्षाबंधन का त्योहार ।हर वर्ष की भांती इस वर्ष भी रक्षाबंधन का त्योहार बड़े धुम धाम से मनाया गया। बता दें कि हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांधती हैं और उनके अच्छे स्वास्थ और लंबे जीवन की कामना करती हैं। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। वास्तव में रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम को समर्पित त्योहार है जो सदियों से मनाया जाता आ रहा है। आइये जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ धार्मिक और ऐतिहासिक कहानियों के बारे में।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धरती की रक्षा के लिए देवता और असुरों में 12 साल तक युद्ध चला लेकिन देवताओं को विजय नहीं मिली। तब देवगुरु बृहस्पति ने इंद्र की पत्नी शची को श्राणण शुक्ल की पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर रक्षासूत्र बनाने के लिए कहा। इंद्रणी ने वह रक्षा सूत्र इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधा और फिर देवताओं ने असुरों को पराजित कर विजय हासिल की।और वामन अवतार में एक बार भगवान विष्णु असुरों के राजा बलि के दान धर्म से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने बलि से वरदान मांगने के लिए कहा। तब बलि ने उनसे पाताल लोक में बसने का वरदान मांगा। भगवान विष्णु के पाताल लोक चले जाने से माता लक्ष्मी और सभी देवता बहुत चिंतित हुए। तब मां ने लक्ष्मी गरीब स्त्री के वेश में पाताल लोक जाकर बलि को राखी बांधा और भगवान विष्णु को वहां से वापस ले जाने का वचन मांगा। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी। तभी से रक्षाबंधन मनाया जाता है।

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