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स्वामी विवेकानंद भारतीय धर्म-संस्कृति के वाहक–डॉ मुश्ताक मानवतावादी विवेकानंद हमारे आदर्श महापुरुष– प्रधानाचार्य

स्वामी विवेकानंद भारतीय धर्म-संस्कृति के वाहक–डॉ मुश्ताक मानवतावादी विवेकानंद हमारे आदर्श महापुरुष– प्रधानाचार्य

रिपोर्ट राजू सिंह अजित कुमार सिंह दरभंगा news24live

दूरद्रष्टा स्वामी जी हमारे प्रेरणास्रोत–डा चौरसिया स्वामी विवेकानंद विश्व के उन महापुरुषों में शामिल हैं, जिन्होंने विश्व को सकारात्मक रूप से बदलने का काम किया।स्वामी जी भारतीय धर्म-संस्कृति के वाहक संत थे।उन्हें किसी धर्म-संप्रदाय के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। मानवतावादी विवेकानंद हमारे आदर्श प्रकाशस्तंभ हैं, जिन्होंने भारतीय धर्म- संस्कृति को तर्कपूर्ण ढंग से विश्वपटल पर स्थापित किया। उक्त बातें सी एम कॉलेज, दरभंगा की एनएसएस इकाई तथा महाविद्यालय छात्रसंघ के संयुक्त तत्वावधान स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर “राष्ट्र- निर्माण में स्वामी विवेकानंद का योगदान” विषयक परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा।उन्होंने कहा कि आज स्वामी जी को पढ़ने-पढाने,चिंतन-मनन करने की जरूरत है और उनके बताए मूल्यों को जीवन में उतारने की जरूरत है।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि युगद्रष्टा स्वामी विवेकानंद हमारे प्रेरणास्रोत हैं।वे भारतीय नवजागरण के अग्रदूत माने जाते हैं।वे एक साथ दार्शनिक, समाजसुधारक तथा राष्ट्रभक्त संत थे।उन्होंने अपनी सूझबूझ तथा तर्कशक्ति से संकटग्रस्त भारतीय धर्म-संस्कृति को नई दिशा दशा प्रदान किया।
राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ आशीष वरियार ने कहा कि स्वामी जी धार्मिक दृष्टि से लचीले और समदर्शी थे।आज उनके दर्शन की प्रासंगिकता अधिक बढ़ गई है।स्वामी जी ने भारतीय वेदांत को पुनर्स्थापित किया।प्रोफेसर मंजू राय ने ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है।उनके बताए आदर्शो को जीवन में अपनाकर ही हम समाज का कल्याण कर सकते हैं।डॉ संजीत कुमार झा ने कहा कि अलौकिक प्रतिभा के धनी विवेकानंद का व्यक्तित्व महान था।वे एक सांस्कृतिक पुरुष थे,जिनके चरित्र को अपनाने से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव है।डॉ प्रीति कनोडिया ने कहा कि स्वामी जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था,जो हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में राहुल प्रियदर्शी-प्रथम,विक्रम चौधरी- द्वितीय तथा आशीष कुमार ठाकुर एवं खुल्द महफूज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।कार्यक्रम डॉ एकता श्रीवास्तव,प्रो अभिलाषा कुमारी,डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव, डॉ आलोक रंजन,दिनेश कुमार,आतिका बद्र, शशिकांत सिंह यादव, जयकांत यादव,दीपक कुमार,राकेश प्रतिहस्त,हरि शर्मा,राहुल प्रियदर्शी,उत्कर्ष मिश्रा,रोशनी कुमारी,नीरज कुमार,कवि शंकर कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया, जबकि कार्यक्रम का प्रारंभ प्रधानाचार्य के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।सभी सफल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र तथा मेडल प्रदान कर हौसला अफजाई की गई। छात्रसंघ के प्रतिनिधि सुधांशु कुमार रवि के संचालन में आयोजित परिचर्चा में आगत अतिथियों का स्वागत हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो अखिलेश राठौर ने किया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस पदाधिकारी डॉ प्रीति त्रिपाठी ने किया।

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