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दरभंगा। छात्र संगठन एआईएसएफ, आइसा, एआईडीएसओ, छात्र राजद एमएसयू, एनएसयूआई के दर्जनों कार्यकर्ता सुबह के 9:30 बजे अपने घोषित कार्यक्रम मिथिला विश्वविद्यालय को बंद करवाने हेतु विश्वविद्यालय मुख्यालय पर पहुंच गए।मुख्यालय पर पहुंचते ही सभी कार्यालयों पर ताला जड़ नारेबाजी करने लगे और सभी मुख्य गेटों पर बैठकर छात्र संघ चुनाव की तिथि बढ़ाने की माँग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वही इस बंद का नेतृत्व आईसा के प्रदेश सह-सचिव संदीप कुमार चौधरी, एआईएसएफ के जिला सचिव शरद कुमार सिंह, छात्र आरजेडी के प्रवीण कुमार यादव, एनएसयूआई के प्रह्लाद कुमार, एमएसयू के अमन सक्सैना ने संयुक्त रूप से किया। बंद के ही दौरान विश्वविद्यालय मुख्यालय पर के मेन गेट पर एकत्रित होकर एआईडीएसओ के जिला सचिव ललित कुमार यादव की अध्यक्षता में एक सभा हुई। जिस को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि छात्र संघ चुनाव 2019-2020 की अधिसूचना छात्र विरोधी है। इस अधिसूचना से भारी मात्रा में आम छात्र-छात्राएं चुनाव से वंचित होते दिख रहे हैं। इसको लेकर हम लोगों ने 20 सितंबर को ही कुलपति को ज्ञापन दिया। जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होते देख उसी ज्ञापन के आलोक में कल हम लोगों ने विश्वविद्यालय मुख्यालय पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया।

 

अजित कुमार सिंह रिपोर्ट

दरभंगा।
छात्र संगठन एआईएसएफ, आइसा, एआईडीएसओ, छात्र राजद एमएसयू, एनएसयूआई के दर्जनों कार्यकर्ता सुबह के 9:30 बजे अपने घोषित कार्यक्रम मिथिला विश्वविद्यालय को बंद करवाने हेतु विश्वविद्यालय मुख्यालय पर पहुंच गए।मुख्यालय पर पहुंचते ही सभी कार्यालयों पर ताला जड़ नारेबाजी करने लगे और सभी मुख्य गेटों पर बैठकर छात्र संघ चुनाव की तिथि बढ़ाने की माँग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वही इस बंद का नेतृत्व आईसा के प्रदेश सह-सचिव संदीप कुमार चौधरी, एआईएसएफ के जिला सचिव शरद कुमार सिंह, छात्र आरजेडी के प्रवीण कुमार यादव, एनएसयूआई के प्रह्लाद कुमार, एमएसयू के अमन सक्सैना ने संयुक्त रूप से किया। बंद के ही दौरान विश्वविद्यालय मुख्यालय पर के मेन गेट पर एकत्रित होकर एआईडीएसओ के जिला सचिव ललित कुमार यादव की अध्यक्षता में एक सभा हुई। जिस को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि छात्र संघ चुनाव 2019-2020 की अधिसूचना छात्र विरोधी है। इस अधिसूचना से भारी मात्रा में आम छात्र-छात्राएं चुनाव से वंचित होते दिख रहे हैं। इसको लेकर हम लोगों ने 20 सितंबर को ही कुलपति को ज्ञापन दिया। जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होते देख उसी ज्ञापन के आलोक में कल हम लोगों ने विश्वविद्यालय मुख्यालय पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। कल के प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारियों के साथ वार्ता हुई जो विफल रहा। उसी के आलोक में आज अपने घोषित कार्यक्रम विश्वविद्यालय बंद को सफल बनाने हेतु हम यहां पर उपस्थित हुए हैं। छुट्टियों के बीच छात्रसंघ चुनाव कराकर छात्रसंघ चुनाव के नाम पर विश्वविद्यालय प्रसाशन मात्र खानापूर्ति कर रही है। वहीं वक्ताओं ने कहा कि समस्तीपुर जिले में लोकसभा उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। पूरे जिला में धारा 144 लगी हुई है। इस बीच में छात्रसंघ चुनाव कैसे सफल होंगा? छात्र-छात्राएं कैंपस के अंदर कैसे अपना प्रचार प्रसार करेंगे? 30 सितंबर तक पीजी में नामांकन होगा। वही 23 सितंबर तक स्नातक प्रथम खंड में नामांकन हुआ है। लॉ कॉलेज में भी नामांकन प्रक्रिया चल ही रही है। वोटर लिस्ट भी 25 तक जारी करना था। मगर 50% कॉलेज ने भी वोटर लिस्ट जारी किया है। छात्र-छात्राएं जब कॉलेज कैंपस में कुछ दिन कक्षा नहीं करेंगे। तब तक वह कैसे चुनाव लड़ सकते है? इन सभी बातों को लेकर छात्र विश्वविद्यालय में अरे रहे। वही दोपहर के 2:00 बजे तक विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित सभी कार्यालय को आंदोलनकारियों ने बंद रखा। 2 बजे के उपरांत कुलसचिव और छात्रो के आग्रह पर परीक्षा विभाग को खोला गया। बंद के दौरान ही कुलसचिव विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंचे और छात्रों से वार्ता करने हेतु बुलाया। कुलसचिव कार्यालय में वार्ता के दौरान कुलसचिव, मुख्य चुनाव पदाधिकारी, उप कुलानुशासक, भू-संपदा पदाधिकारी मौजूद थे। जहाँ आन्दोलनकारियों को पदाधिकारियों ने मौखिक अश्वासन दिया कि कल दोपहर तीन बजे चुनाव संचालन कमिटी की बैठक कर के आपके सभी माँगो पर गंभीरता पूर्वक विचार कर छात्रो के पक्ष में ही निर्णय लेंगें। मौके पर एआईएसएफ के जिलाध्यक्ष शशिरंजन, छात्र नेता अवनीष कुमार, मो० मोबीन, रोशन कुमार, रणवीर यादव, आईसा के जिलाध्यक्ष प्रिंस राज, जिला सचिव विशाल माँझी, छात्र नेता मयंक कुमार, अमोद कुमार, एम एस यू के मनोहर कुमार, छात्र राजद के जिला उपाध्यक्ष मनीष सम्राट, रजनीश कुमार, राकेश कुमार राय, जिला महासचिव अनिल कुमार, रामेश्वर अमन, अभिरंजन कुमार, ललन कुमार, मोहित कुमार, मनंजय कुमार, सोनू कुमार, एआईडीएसओ के दयानंन्द यादव, हरेराम आदि थें।

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