15 से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन
-आशा देंगी परिवार के सदस्यों को ओआरएस के इस्तेमाल की जानकारी
-कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सिविल सर्जन को दिये निर्देश
समस्तीपुर , शिशु मृत्यु का एक बड़ा कारण दस्त है। इसे देखते हुए जिला में 15 से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जायेगा.। साथ ही दस्त के कारण शिशु मृत्यु व इसकी रोकथाम के बारे में आमजन को जानकारी दी जायेगी।. इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सिविल सर्जन को पत्र के माध्यम से आवश्यक निर्देश दिये हैं। निर्देश में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु दर को शून्य तक लाने के लिए सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। कोविड 19 महामारी के सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन करते हुए सभी बच्चों को दस्त नियंत्रण के लिए दवा दी जाये तथा आवश्यक गतिविधियों का आयोजन हो।.
पांच वर्ष के उम्र तक के बच्चे लक्षित:
दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान सभी पांच वर्ष तक के बच्चों को लक्षित किया गया है। अभियान के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्र, अतिसंवेदनशील क्षेत्र शहरी झुग्गी, झोपड़ी, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्ठे क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसे चिह्नित क्षेत्र जहां दो तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों, छोटे गांव व टोले जहां साफ सफाई व पानी की आपूर्ति एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी हो आदि को प्राथमिकता वाले क्षेत्र में रखा गया है। इस पूरे कार्यक्रम के लिए जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
आशा करेंगी ओआरएस का वितरण:
आशा को पांच वर्ष तक के बच्चों की सूची बनाने के लिए निर्देशित किया गया है।. पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक—एक ओआरएस पैकेट का वितरण करना है। सभी आशा को कोविड 19 महामारी संबंधी नियमों का पालन करना है। आशा द्वारा परिवार के सदस्यों को ओआरएस के घोल बनाने एवं इसके उपयोग की विधि तथा इसके लाभ के बारे में बताना है।. परिवार के सदस्यों को साफ—सफाई तथा हाथ धोने के तरीकों की जानकारी प्रदान करनी है। परिवार को दस्त होने के दौरान बच्चों को जिंक का उपयोग करने की जानकारी देनी है। जिंक का प्रयोग करने से दस्त की तीव्रता में कमी आ जाती है। दस्त ठीक नहीं होने पर गंभीर स्थिति में बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने में परिवार की मदद करनी है। पखवाड़ा के दौरान दस्त के कारण हुई मृत्यु की रिपोर्ट प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को देनी है।. दस्त से ग्रसित अति गंभीर कुपोषित बच्चों को रेफर करना है तथा घर पर पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरीन गोली के उपयोग को बढ़ावा देना है।
आमजन इन बातों का रखें ध्यान:
दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार और भोजन जारी रखा जाना चाहिए। पीने के लिए साफ और सुरक्षित पेयजल का उपयोग करें।. खाना बनाने और खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोना जरूरी है।. दस्त को रोकने के लिए शौचालय का उपयोग करें। खुले में शौच नहीं जायें।
इन लक्षणों को नहीं करें नजरअंदाज:
• बच्चा ज्यादा बीमार लग रहा है.
• सुस्त या बेहोश हो जाना.
• पानी जैसा लगातार दस्त होना.
• बार—बार उल्टी होना.