Breaking News

बिहार दरभंगा मैथिलीपुत्र प्रदीप की कालजयी रचना पर नृत्य की प्रस्तुति दे सृष्टि संस्थान ने दी श्रद्धांजलि

मैथिलीपुत्र प्रदीप की कालजयी रचना पर नृत्य की प्रस्तुति दे सृष्टि संस्थान ने दी श्रद्धांजलि
————–
मां

दरभंगा news 24 live

जानकी पुनर्जागरण समिति (माँ जानकी सेना) के तत्वावधान में रविवार को शहर के रामबाग स्थित सृष्टि संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के बच्चों ने मैथिलीपुत्र प्रदीप की कालजयी रचना ‘जगदम्ब अहीं अवलम्ब हमर…’ पर नयनाभिराम नृत्य की प्रस्तुति देकर अमर कवि को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पूर्व मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के वरीय संरक्षक-सह-सीएम साइंस कॉलेज के आईक्यूएसी सहायक प्रवीण कुमार झा, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के डॉ.सुमित कुमार मंडन एवं समाजसेविका रूना मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ दिवंगत कवि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। मौके पर प्रवीण कुमार झा ने कहा कि मैथिलीपुत्र प्रदीप के निधन से न सिर्फ मैथिली जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है, बल्कि संस्कृत व हिंदी जगत भी इससे अछूता नहीं रहा है। उन्होंने मैथिलीपुत्र प्रदीप को कवि कोकिल विद्यापति के अगली पंक्ति का कवि बताते कहा कि वे अपनी कालजयी रचनाओं में सदा जीवंत बने रहेंगे। डॉ सुमित कुमार मंडन ने अपने संबोधन में कवि प्रदीप को त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति बताते कहा कि वे न सिर्फ भारतीय सभ्यता व संस्कृति के पोषक थे, बल्कि एक शिक्षक के रूप में भी उनका योगदान समाज एवं देश के लिए सदा प्रेरणास्पद बना रहेगा।
कार्यक्रम में स्वर्णम उपाध्याय और कोमल मांझी ने मैथिलीपुत्र प्रदीप रचित गीत ‘जगदंब अहीं अविलम्ब हमर, हे माई अहाँ बिनु आस केकर…’ गीत पर अनुपम एवं मनोरम नृत्य प्रस्तुत कर दिवंगत कवि को संस्थान की ओर से भावभीनी नृत्यांजलि दी। इसके बाद प्रियांशी मिश्रा ने कवि कोकिल विद्यापति द्वारा रचित “जय जय भैरवि, असुर भयावन…” पर ओडिशी शैली में नृत्य के माध्यम से अपनी कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के मध्य में सृष्टि के संस्थापक जयप्रकाश पाठक ने एकल नृत्य के माध्यम से रामायण के महत्वपूर्ण प्रसंग ‘सीता-हरण’ को ओडिशी नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। जिसमें महाबली रावण, माँ जानकी,भक्त पक्षीराज जटायु और भगवान श्रीराम की भूमिका का संयुक्त चित्रण मनोहारी एकल नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में सुबोध दास, स्वर्णम उपाध्याय और कोमल मांझी ने मिथिला के प्रसिद्ध लोक नृत्य झिझिया , छठ, सामा-चकेवा और होली की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। इस कार्यक्रम का प्रसारण सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी किया गया, जिसे दर्शकों ने काफी सराहा।
कार्यक्रम में समाजसेविका रूना मिश्रा, मनकेश्वर पांडे, सन्त जेवियर स्कूल, कमतौल के निदेशक सत्य प्रकाश झा, आशीष झा, शंभू कुमार, कृष्णा मिश्रा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

Check Also

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर की बैठक 

🔊 Listen to this   जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर …